कहाँ है तू ,
तेरी दिशा मैं तुझे दिन - रात
देखता हूँ मैं ,
मुझे एक सेहर की तलाश है,
सर्दिओं की धुंध मैं ,
मुझे एक लहर की तलाश है
मैं अकेला कभी रहा नही
मुझे हमसफ़र की तलाश है
कभी रात दिल मैं utar gyee
कभी दिन मुझको nigal gyaa
मैं भटक रहा हूँ यूँ किस trha
मुझे किस सफर ही तलाश है
क्यों 'सैफ' बदनाम हो गये
तुम gliyon मैं खो गये
कभी to तुमपे padegi wo
tumhe jis नज़र की तलाश है
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