जो दिल से दिल को जोड़े, वो प्यारा है दोस्तों
हर हल मैं ये मुल्क, हमारा है दोस्तों
हिंदू हों या के सिख हों, मुस्लिम हो या सलीबी
ये मुल्क सब की, आँख का तारा है दोस्तों
उठने न देंगे आंख बुरी जानिबे वतन
ये देश हमें जान से प्यारा है दोस्तों
हम केसे उन्हें भूलें लहू दे के जिन्होंने
इस मुल्क की अजमत को संवारा है दोस्तों
हम को कसम है अपने शहीदों के खून की
हर ज़रा ज़रा इस का हमारा है दोस्तों
वो हम को फकीरों से मिली सब्र की तालीम
थोड़े मैं बहुत अपना गुज़ारा है दोस्तों
उस्ताद श्री वीरेंदर कुमार "कंवर" जी के आशीर्वाद से
1 comment:
Bahut achhi, main to humesha se kehti thi ke u should always keep on going forward for ur writing...
good going, keep it up!!
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