ek sehar ki talash hai
Friday, February 27, 2009
पीछे मुडकर देखा तो क्या देखा
पीछे मुडकर देखा तो क्या देखा
अपना ही दिल जला देखा
अभी सुबह नही हुई थी लेकिन
लाशों का काफिला देखा
मिटने हो उनके नाम पर
शहीदों का होंसला देखा
हमने डूब के इश्क के दरिया मैं
अपना रोम-रोम जला देखा
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मनुदीप यदुवंशी
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पीछे मुडकर देखा तो क्या देखा
शाम होते ही
तुम असमंजस मैं हो
करता हूँ जिसकी बंदगी क्या दूँ उसे ऐ जिंदगी जिसको ...
...........तमन्ना.........
मैं समय हूँ
मैं तेरा दीवाना हो गया
...........गीत.............
.........प्राथना...........
...........ख्याल.............
..........सपना............
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