Tuesday, March 3, 2009

आशना

वो अलग है
उसकी मिसाल क्या
एक शब्द में कहदुं उसे खुदा
तो माफ़ करना मालिक
नहीं वो तुझ से जुदा
ये मैंने जनता हूँ तू मुझ से पूछ
मैं हर्फ़ हूँ तो वो है ज़बां
कुछ तो बात है जो मेरा है
वो अब तक आशना

1 comment:

Anita B... said...

nice!!
heart touching....