ek sehar ki talash hai
Thursday, March 5, 2009
खुबसूरत हकीकत
क्या करूँ ?
तेरी खूबसूरती पर
कोई शेर बनता नही
इस जेहन में
पनपता तो है कुछ
मगर वो किसी हर्फ़ में
नही उतरता
टटोलता हूँ
इस ज़हन को अपने
और सोचता हूँ
मैं
ऐ खुदा !
अगर ये खूबसूरती सच है
तो, तू भी सच है
तू भी हकीकत है
2 comments:
Yogesh Verma Swapn
said...
ek onkar sat naam.
March 6, 2009 at 7:49 AM
Yogesh Verma Swapn
said...
ek onkar sat naam.
March 6, 2009 at 7:49 AM
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Mohd. Sarfaraz
लेखन उत्तम धन कर दे मन को प्रसन्न. आपके विचारों को कोई पढता है तो वो आगे के लिए आप का मार्ग प्रदर्शक बनता था , अपने विचारों को रखने का ब्लॉग से अच्छा कोई साधन नहीं है . धन्यवाद मित्र मनु और blogspot जिसने मुझे लिखने के लिए प्रेरित किया .
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ek onkar sat naam.
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