मुहब्बत भरे प्यार के सिलसिले
खुशियाँ बांटो दिल मिले न मिले
तन्हां है वो जो खुद को तन्हां कहे
हम तो पत्थरों के भी मिले हैं गले
रोते बिलखते बच्चों की सोचो
दो पैसे पर उनके दिल हैं खिले
नफरतें बाँट लो सब को लगा के गले
ऐ "सैफ़" ऐसा मौका मिले न मिले
मुहब्बत भरे प्यार के सिलसिले
खुशियाँ बांटो दिल मिले न मिले
तन्हां है वो जो खुद को तन्हां कहे
हम तो पत्थरों के भी मिले हैं गले
रोते बिलखते बच्चों की सोचो
दो पैसे पर उनके दिल हैं खिले
नफरतें बाँट लो सब को लगा के गले
ऐ "सैफ़" ऐसा मौका मिले न मिले
1 comment:
bahut sunder bhai, bahut khoob, bahut achcha likha , dheron badhai.
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